Swati Sharma

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वार्षिक लेखन प्रतियोगिता कहानी-लेख :- 6 :- सोशल मीडिया

वार्षिक लेखन प्रतियोगिता कहानी:- 6:- सोशल मीडिया:-

              सोशल मीडिया का चलन  दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। चाहे कोई घर में हो या बाहर हर प्रकार का ज्ञान उसे सहज ही प्राप्त हो जाता है। एक तरह से या एक वरदान भी है और एक तरह से यह अभिशाप भी।
              यदि किसी की बुनियादी सोच परिपक्व और सुदृढ़ नहीं है तो यह वरदान कभी भी किसी भी क्षण अभिशाप में परिवर्तित हो सकता है।
              सोशल मीडिया के ज़रिए हम देश विदेश में दूर- दूर बसे हुए अपनों से संपर्क में रह सकते हैं। जिससे ये दूरियां हमें अखरती नहीं। एक दूसरे से जुड़े रहने का जहां लाभ है वहीं हानि यह है कि एक अपरिपक्व मनुष्य दूसरों के जीवन में तांक- झांक कर अनचाही होड़ में शामिल होकर अपना समय एवम अस्तित्व नष्ट कर लेता है। वहीं दूसरी ओर एक परिपक्व मानसिकता का व्यक्ति सोशल मीडिया के उचित प्रयोग से स्वयं को एवम अपने जीवन को निखार लेता है।
            यदि किसी बच्चे या बड़े व्यक्ति की बुनियादी नींव सुदृढ़ नहीं है तो वह सोशल मीडिया का प्रयोग उचित तरह से नहीं कर सकता। अतः यही उनके अस्तित्व एवम जीवन को संकट में डाल देता है।
            मेरा अनुरोध यह है कि आप यदि सोशल मीडिया क्या प्रयोग करें या अपने बच्चों को करने दें, तो सबसे पहले यह सुनिश्चित कर लें कि इसका उचित प्रयोग कर हमें अपने अस्तित्व एवम व्यक्तित्व को निखारना है, उजाड़ना नहीं।

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6 Comments

Seema Priyadarshini sahay

10-Mar-2022 05:25 PM

बहुत खूबसूरत

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Swati Sharma

11-Mar-2022 09:26 PM

शुक्रिया मेम

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Gunjan Kamal

09-Mar-2022 05:50 PM

बिल्कुल सही कहा आपने मैम

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Swati Sharma

09-Mar-2022 07:35 PM

आपका हार्दिक आभार

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The traveller

09-Mar-2022 05:02 PM

बहुत खूब

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Swati Sharma

09-Mar-2022 07:35 PM

शुक्रिया

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